देवनारायण फड़ परम्परा  Devnarayan Phad Tradition

महेन्दू जी एवं भूणाजी का मिलाप

महेन्दूजी और देवनारायण का मिलाप 


खेड़ा चौसला आकर मेहन्दू जी देवनारायण से मिले।

देवनारायण से मिलने के बाद मेहन्दू जी साडू माता से भी मिले क्योंकि मेहन् जी देवनारायण के बड़े भाई थे इसलिए सा माता ने उनको राजगद्दी सौंप दी और उनका राजतिलक कर दिया। फिर दोनों भाईयों ने सा माता और छोछू भाट से सलाह लेकर तेजाजी के बेटे मदनो जी को संदेश भेजा और उन्हें भी खेड़ा चौसला बुला लिया।

 

 
 

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