हजारीप्रसाद द्विवेदी के पत्र

प्रथम खंड

संख्या - 4


IV/ A-2002        

विश्वभारती

शान्तिनिकेतन

(बंगाल)

3.3.1935

श्रध्देय चतुर्वेदी जी,

              प्रणाम!

       कृपा-पत्र मिला। मैसूर के विद्यार्थी जी आये हैं। गुरुदेव ४थी मार्च को कलकत्ते पहुँच रहे हैं। यहाँ कब पहुँचेंगे, यह नहीं मालूम। आप उनसे वहाँ भी मिल लें तो अच्छा हो। वहाँ भी, ही नहीं। यहाँ आप एक बार ज़रुर आवें।

       श्रीयुत भक्त जी को मेरी श्रद्धा निवेदन कर दीजिये। उन्हें यहाँ ज़रुर ले आइये। वर्मा जी, जैन जी, दामोदर जी, पांडे जी आदि को मेरा प्रणाम।

       आप शायद जानते होंगे कि यहाँ एक और हिन्दी अध्यापक नियुक्त हुए हैं।

आपका

हजारी प्रसाद

हमने वाचस्पति मिश्र पर एक लेख भेजा था। उसकी क्या गति हुई?

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© इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र १९९३, पहला संस्करण: १९९४

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प्रकाशक : इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली एव राजकमल प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली