हजारीप्रसाद द्विवेदी के पत्र

प्रथम खंड

संख्या - 40


IV/ A-2040

शान्तिनिकेतन

20.9.40

आदरणीय पंडित जी,

प्रणाम!

       शर्मा जी के पुत्र के अनुसार हमने यह प्रोग्राम बनाया है। क्षिति बाबू पूछते हैं कि आपको यह सुविधाजनक रहेगा या नहीं-

(१) १२ अक्टूबर को सबेरे की गाड़ी से (आठ बजे के आस-पास) हम ललितपुर पहुँचेंगे।   

     १३-१४ को आपके साथ रहेंगे।

(२) १५ को रवाना होकर उसी दिन शाम को आगरे पहुँचेंगे।

(३) १६ को आगरे में और १७ को शर्मा जी के गाँव।

(४) १५ को बंबई के लिये रवाना हो जायेंगे।

       क्षिति बाबू के एक व्याख्यान की आप व्यवस्था करा रहे हैं न? वह अगर हो तो १३ अक्टूबर की शाम को रखिये। १२ अक्टूबर की शाम को भी रख सकते हैं। एक दिन जतारा देखने जायेंगे। जतारा के विषय में मैंने थोड़ा-सा लिख रखा है। आते-जाते उसे पूरा कर सका तो लेता आऊँगा।

       आप श्री क्षिति बाबू को निम्नलिखित पते पर पत्र लिखें-

C/o Prof. Shailendranath Dasgupta  

University Quarters, Badshah Bagh,   Lucknow.

       मुझे यहीं के पते से लिखिये।

       आपको शायद मालूम ही होगा कि गुरुदेव सख्त बीमार हैं। दार्जिलिंग से कलकत्ते ले जाये हैं। रास्ते में गाड़ी में बेहोश हो गये थे। किडनी की बीमारी है।अब अच्छे हो रहे हैं।

आपका

हजारी प्रसाद द्विवेदी  

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© इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र १९९३, पहला संस्करण: १९९४

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प्रकाशक : इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली एव राजकमल प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली