हजारीप्रसाद द्विवेदी के पत्र

प्रथम खंड

संख्या - 79


IV/ A-2081

शान्तिनिकेतन

दिनांक : 1.6.48

पूज्य पंडित जी,

              सादर प्रणाम!

       कल आचार्य नंदलाल वसु महाशय से आपने गांधी भवन की दीवालों पर चित्रांकन के लिए कहा था। वे कहते हैं किसी छुट्टी में अर्थात् अक्टूबर में या मई-जून में कला भवन के अध्यापक विनोदविहारी मुखर्जी अपने कुछ विद्यार्थियों के साथ जा सकते हैं। इस समय विनोद बाबू यहाँ नहीं है अत: उनसे बातचीत नहीं हो पाती है। उन्होंने ही हिंदी भवन में चित्र बनाए हैं। बड़ा नया और उत्तम टेकनीक जानते हैं।

       मैंने मास्टर मोशाय (नंदबाबू) से आपकी ओर से टीकमगढ़ जाने का भी निवेदन किया है। वे राजी भी हैं। यदि दिसंबर के अवकाश में उन्हें वहाँ ले जाया जा सके तो बहुत अच्छा हो।

       शेष कुशल है।

       लेनिन और गुरुदेव के प्रसंग पर दूसरे कार्ड पर लिख रहा हूँ। दो कार्ड खर्च करना अक लिफाफे की अपेक्षा सस्ता है।

आपका

हजारी प्रसाद  

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© इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र १९९३, पहला संस्करण: १९९४

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प्रकाशक : इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली एव राजकमल प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली