The Illustrated Jataka : Other Stories of the Buddha by C.B. Varma
091 -   Story of Mara / मार-कथा   

Mara

बौद्ध-परम्परा में मार मृत्यु, कुकृत बल और प्रलोभक के रुप में जाना जाता है जिसे आधुनिक भाषा में शैतान का रुप समझा जा सकता हैं।

जब यह कहा जाता है कि 'मार एक है' तो वह क्लेश अथवा मृत्यु का द्योतक है। मार के पाँच रुप माने जाते हैं जब उसे पाँच संघों के संदर्भ में समझा जाता है। पुन: मार को अभिसड्खार मार तथा यम के चार देव पुत्रों के रुप में भी स्वीकार किया गया है।

मार को नमुचि का नाम दिया गया है क्योंकि कोई भी उससे नहीं बच सकता। उसे वसवत्ती भी कहा जाता हैं क्योंकि वह हर कोई को अपने वश में करता हैं। जब भी वह किसी को शील के मार्ग पर अग्रसर देखता है तो उसे पथ-भ्रष्ट करने के लिए अनेकों अवरोध उत्पन्न करता हैं। उदाहरण के लिए श्रेष्ठी-जातक में जब एक राजा किसी पच्चेक बुद्ध को दान देने के लिए उन्मुख होता है तो मार उसके मामने एक विशालकाय खाई उत्पन्न करता है जिससे अग्नि की प्रचण्ड लपटें भयंकर गर्ज़ना के साथ उठती हैं।

मार की कहानियों का प्रथम परिचय पधान-सुत्त में होता है जहाँ मार बुद्ध को संबोधि-प्राप्त करने से रोकने का यत्न करता है।

मार की दस सेनाएँ होती हैं, यथा राग (लिप्सा), असंतोष या घृणा, भूख, प्यास, तृष्णा, आलस्य, भय, शंका, दम्भ तथा घमण्ड। उपर्युक्त सेनाओं में उसकी तीन पुत्रियाँ भी है जो तृष्णा, अरति (असंतोष) तथा राग के नाम से जानी जाती हैं।

M ara in the Buddhist tradition is believed to be the personification of Death; the Evil Force; or the Tempter. He may be understood as Devil or Satan in popular terms.

Mara, when considered as one-fold he refers to the defilements ( kilesas) or death only. He is classified as five-fold by way of Khandha (Aggregate Mara), Kilesa (Defilement) Mara, Abhisankhara (Accumulated Karma) Mara, Macchu (Death) Mara, and Devaputta (four archangels of Yama). In the older texts he is believed to be the personification of five aggregates of the mind-body complex.

Mara is called Namuchi as no one can escape him. He is called Vasavatti, because he rules all. Whenever, he finds some one treading the path of virtuosity, he creates obstacles and hindrances. For example, in the Shresthi-Jataka when a king thought of giving alms to a Paccheka Buddha, who had entered the palace: Mara put the obstacle of creating a very deep hell measuring many fathoms in width, with several dreadful sights accompanied with terrible sounds and tremulous flames.

 

The Buddha and Mara

Mara

The Three daughters of Mara

Mara and his army. Mara riding his elephant Girimekhala

Mara and his army

Mara, the Thai Version

The legends of Mara have its origin in the Padhana Sutta. There, Mara is shown as visiting the Buddha on the bank of the river Neranjara to tempt and dissuade him from his Enlightenment. Maras army is ten-fold, namely, Lust; Discontent or Aversion; Hunger and Thirst; Craving; Sloth and Torpor; Cowardice; Doubt; Hypocrisy and Stupidy; Notion of Name and Fame and Honour and Glory; and Self-Conceit. His three daughters are Tanha (Craving), Arati (Discontent), and Raga (Lust).


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