मालवा

शिक्षा तथा साहित्य

बौद्ध, जैन तथा अन्य लेखकों का साहित्य

कालिदास

अमितेश कुमार


कालिदास का जन्म

महाकवि कालिदास कब तथा कहाँ उत्पन्न हुए, किन पारिवारिक, सामाजिक तथा राजनीतिक परिस्थितियों में उनका जीवन व्यतीय हुआ। यह आज भी एक प्रश्न बना हुआ है। इन प्रश्नों का उत्तर आज भी एक कठिन समस्या बना हुआ है। सामग्री की विरलतावश इनके जीवनवृत्त का प्रामाणिक विवरण प्रस्तुत करने में असमर्थ रहे हैं। प्रायः परंपरा से चली आने वाली कुछ जनश्रुतियाँ और रोचक किवदन्तियाँ ही प्राप्त होती हैं, जो यद्यपि कालिदास के विषय में लोकरुचि की परिचायिका तो हैं, पर प्रामाणिक जीवनवृत्त का आधार नहीं बन सकतीं।

ऐसे गौरवशाली कवि को अपने- अपने प्रदेश से संबद्ध करके प्रादेशिक अभिमान की तृप्ति के अभिकामी विद्वानों ने महाकवि को कश्मीर, बंगाल, दक्षिण आदि कई स्थानों से जोड़ने की कोशिश की। ""मेघदूत'' ने स्पष्टतः कवि का मध्यभारत के प्रति आग्रह और अद्वितीय लगाव प्रकट कर दिया। इस प्रदेश के नद, नदी, नाले, टीले, पहाड़, वन, वृक्ष, लता, मंदिर आदि का-- आशय यह है कि समस्त प्राकृतिक, ग्रामीण एवं नागर परिवेश का -- जो सूक्ष्म ब्यौरेवार वर्णन प्रस्तुत किया है, वह कवि की इस स्थान की विशिष्ट अभिज्ञता एवं घनिष्ठता का अकाट्य प्रमाण है। फलतः कवि उज्जयिनी के आसपास के किसी स्थान के निवासी थे, यह बहुत- कुछ विश्वासपूर्वक कहा जा सकता है।

 

 

 

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