राजस्थान

मेवाड़ : भौगोलिक पृष्ठभूमि

मेवाड़ में सड़क मार्ग

अमितेश कुमार


मेवाड़ क्षेत्र के व्यावसायिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण करीब सभी स्थानों को सड़क मार्ग से जोड़ने की कोशिश की गई है। चूंकि रेलमार्ग सीमित है, अतः यातायात में सड़क मार्ग का ही विशेष महत्व है। नसीराबाद (राजस्थान) से लेकर नीमच (मध्यप्रदेश) के बीच बनी सड़क, उन पुराने मार्गों में से एक हैं, जो मेवाड़ क्षेत्र में माण्डल, भीलवाड़ा, गंगारार, चित्तौड़गढ़ तथा निंबाहेड़ा होकर गुजरती है। मेवाड़ राज्य की तरफ से बनने वाले कुछ मार्ग हैं-

१. उदयपुर से खैरवाड़े तक
२. उदयपुर से नाथद्वारा तक
३. उदयपुर से जयसमुद्र तक
४. उदयपुर से चित्तौड़गढ़ तक
५.नाथद्वारा से कांकड़ोली तक

वर्तमान में कई अन्य स्थलों को सड़क मार्ग से जोड़ दिया गया है, जिनका उल्लेख इस प्रकार है-

१. प्रतापगढ़- सलुम्बर- जयसमंद- उदयपुर- गोगुंदा
२ सलुम्बर- सराडा- परसाद
३. अरनौद- प्रतापगढ़- छोटी सादड़ी- बड़ी सादड़ी- वल्लभनगर- उदयपुर
४. बाँसवाड़ा- घाटोल- दरियाबाद- लसारिया- वल्लभनगर- उदयपुर
५. निंबाहेड़ा- वल्लभनगर- उदयपुर
६. सोम- फलासिया- झाड़ोला- उदयपुर
७. उदयपुर- देलवाड़ा- कोठारीया- गंगापुर- भीलवाड़ा- बूंदी
८. बदनोर- आसीद- बागोर- गंगापुर
९. बदनोर- बनेड़ा- शाहपुरा- जहाजपुर
१०. देसुरी- केवला- कोठारीया
११. माण्डलगढ़- भीलवाड़ा-गंगापुर- राजसमंद

इसके अलावा भारत सरकार की नई सड़क निर्माण योजनाओं के अंतर्गत आने वाले स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क मार्ग तथा पूर्व- पश्चिम गलियारा भी मेवाड़ क्षेत्र से होकर गुजरती है। स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क मार्ग परसाद, उदयपुर, हल्दी घाटी, कांकरोली नाथद्वारा तथा कुंभलगढ़ होते हुए आगे बढ़ती है।

पुर्व- पश्चिम गलियारे का सड़क मार्ग गोगुंदा, उदयपुर, खेमली, मावली, कपासन, चित्तौड़गढ़, मेनाल तथा बिजोलिया होते हुए कोटा के तरफ चली जाती है।

 

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