रुहेलखण्ड

Rohilkhand


परिचय एवं भौगोलिक स्थिति

परिचय - वर्तमान उत्तर प्रदेश के मध्य भू - भाग में स्थित रुहेलखण्ड प्रदेश का प्राचीन काल से सांस्कृतिक महत्व रहा है तथा वर्तमान समय में भी यह क्षेत्र अपनी लोक - संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है । वर्तमान समय में रुहेलखण्ड क्षेत्र में मुरादाबाद , रामपुर,बरेली ,बदायूँ ,पीलीभीत तथा शाहजहाँपुर जनपद आते हैं । अफगानिस्तान के रुहेलों द्वारा इस क्षेत्र में अधिपत्य जमाने के बाद से यह क्षेत्र रुहेलखण्ड कहलाने लगा। इसके पूर्व इसका नाम कटेहर तथा पंचाल था।

सामान्यत किसी क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों के पारम्परिक धर्म ,त्योहार , पर्व ,उत्सव , रीति -रिवाज,मान्यतायें,विश्वास लोक गीत,लोक नृत्य और लोक संगीत आदि जीवन की समग्रता को उस क्षेत्र की लोक - संस्कृति कहा जाता है। यह लोक संस्कृति किसी क्षेत्र विशेष को अन्य क्षेत्रों से पृथक एक स्वतन्त्र पहचान प्रदान करती है , इसलिए किसी क्षेत्र विशेष के लोक जीवन अथवा उस क्षेत्र की लोक संस्कृति का अध्ययन अपरिहार्य है ।

वर्तमान उत्तर प्रदेश का रुहेलखण्ड क्षेत्र प्राचीन काल से ही सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण रहा है । प्राचीन काल में यह क्षेत्र पंचाल जनपद के नाम से अपनी वैदिक विधा और दार्शनिक विचारधारा के लिए प्रसिद्ध था। महाभारत काल में पंचाल राज्य उत्तरी तथा दक्षिणी पंचाल के नाम से दो भागों में विभाजित हो गया। गंगा नदी इन दोनों को अलग - अलग करती थी। दक्षिण पंचाल की राजधानी काम्पिल्य ( वर्तमान फर्रूखाबाद जिला ) थी तथा उत्तरी पंचाल की राजधानी अहिच्छत्रा थी। इस नगर के ध्वंसावशेष बरेली जनपद की आँबला तहसील के ग्राम रामनगर के निकट अब तक मौजूद है।

छठी शताब्दी ई०पू० में पांचाल की गणना सोलह महाजनपदों में की जाती थी। यही पांचाल जनपद मध्यकाल से रुहेलखण्ड नाम से जाना जाता है। वर्तमान समय में रुहेलखण्ड क्षेत्र के अन्तर्गत उ ० प्र० के मुरादाबाद, रामपुर ,बरेली, बदायूँ , पीलीभीत तथा शाहजहाँपुर जनपद आते हैं  जो बरेली व मुरादाबाद दो कमिश्नरी (मण्डल)में बटे हैं।

धार्मिक विश्वासों - अनुष्ठानों , सामाजिक मेलजोल वाले मेलों त्योहारों, उत्सवों, व्यावसायिक हस्तकलाओं और गीत - संगीत के लिए अपनी एक अलग लोक संस्कृति है जिसका संक्षिप्त अध्ययन निम्नलिखित शीर्षकों में इस प्रकार से किया जा सकता है --

रुहेलखण्ड की भौगोलिक स्थिति

वर्तमान उ ० प्र ० के मध्य में स्थित रुहेलखण्ड क्षेत्र
26 0 - 30 0 , उत्तरी अक्षांश तथा 77 0 - 80 0 , पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है । इस क्षेत्र में मुरादाबाद , रामपुर, बरेली , बदायूँ, शाहजहाँपुर तथा पीलीभीत जिले आते हैं । प्राचीन काल में यह क्षेत्र हिमालय की तराई से लेकर चम्बल नदी तक फैला हुआ था। अंग्रेजों के काल में इसे रुहेलखण्ड कमिश्नरी कहा जाता था । वर्तमान में यह दो कमिश्नरियों (मण्डलों) --बरेली व मुरादाबाद में बँटा हुआ है परन्तु पूरा क्षेत्र रुहेलखण्ड ही कहलाता है। इस क्षेत्र का रुहेलखण्ड नाम रुहेला पठानों द्वारा रुहेला रियासत स्थापित करने के बाद पड़ा।

नदियाँ -- इस क्षेत्र में प्रवाहित होने वाली नदियाँ गंगा , रामगंगा, गोमती, बहगुल तथा इनकी सहायक नदियां नकटिया, खन्नौत, कटना, भकसी, गरई , एरिल, कोसी , भटला, सैजनी, भकडा. घिमरी , नाहल , गर्रा आदि प्रमुख हैं।

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Content Prepared by Dr. Rajeev Pandey

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